गुरुग्राम में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते तीन गिरफ्तार, आरोपित रिमांड पर

गुरुग्राम: रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने में गिरफ्तार तीन आरोपितों से सेक्टर-40 थाना पुलिस पूछताछ कर पूरे नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है। उन्हें अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए दो दिन की रिमांड पर लिया गया है। पता किया जा रहा है कि उनके संपर्क में कितने दवा विक्रेता थे। कितने इंजेक्शन की खरीद-फरोख्त की थी। इसका मास्टरमाइंड कौन है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी किए जाने की सूचना डिस्ट्रिक्ट ड्रग कंट्रोलर अमनदीप चौहान को मिली थी। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कालाबाजारी की जा रही थी। इंटरनेट मीडिया पर उपलब्ध नंबर पर जब संपर्क किया गया तो फोन रिसीव करने वाले 25 हजार रुपये में इंजेक्शन देने की बात कही। फिर उसे आरडी सिटी इलाके में इंजेक्शन देने की बात तय हुई। वहां पर डिस्ट्रिक्ट ड्रग कंट्रोलर की टीम पहुंची। जैसे ही एक युवक इंजेक्शन देने पहुंचा उसे दबोच लिया गया।

पकड़े गए आरोपित की पहचान उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के गांव लाडपोट निवासी जितेंद्र कुमार के रूप में की गई। इससे पूछताछ के आधार राजस्थान के भरतपुर जिले के गांव तमरेर निवासी राजकुमार एवं राजसमंद जिले के गांव बेड़ निवासी कमल किशोर को दबोच लिया गया। इसके बाद तीनों को सेक्टर-40 थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। प्रारंभिक पूछताछ के मुताबिक जितेंद्र इंजेक्शन राजकुमार से लेता था।

राजकुमार इंजेक्शन कमल किशोर से लेता था। कमल किशोर भरत सिंह नाम के व्यक्ति से इंजेक्शन लेता था। भरत की तलाश की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी से पता चलेगा कि वह पीछे किससे इंजेक्शन लेता था। सेक्टर-40 थाने के अतिरिक्त प्रभारी एसआइ तेजपाल का कहना है कि जिनके नाम सामने आएंगे, उन सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। जितेंद्र दवाओं की होम डिलीवरी का काम करता था। राजकुमार फार्मासिस्ट है जबकि कमल किशोर नर्सिंग स्टाफ का काम करता था। बता दें कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही रेमडेसिविर की कालाबाजारी बढ़ गई है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पुलिस महकमा भी सक्रिय हो गया है।

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